18 June 2016

266 मंज़िल मौत पता दौड़ ज़िन्दगी जज़्बा सलाम दौड़ शायरी


266

दौड़, Cruise

ज़िन्दगी,
तेरे जज़्बेको सलाम !
पता हैं कि मंज़िल मौत हैं...
फिर भी दौड़ रही हैं...!!!

Oh Life, I Salute your Spirit!
Though you know,
End is the Death...
Still you are Cruising...!!!

No comments:

Post a Comment