Difficult Time... & Stressed Life,
Whom to ask, Where is the Destiny ?
People lightly said, Humanity is no more now,
When I demanded in the Market...
मुश्किल
है दौर इतना
और उम्र थक
गई ,
अब किससे जाकर पूछें
मंजिल किधर गई
|
बाजार में पूछा
था इन्सानियत मिलेगी,
सबने हंसते हुए कहा
वह तो कब
की मर गई
||
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