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तमन्ना दिलकी एक हसरत हैं पूरी हो जाए,
तो इंसान खुश किस्मत हैं l
न पूरी हो तो गम न करना क्योकि,
अधूरी रहना तो तमन्नाओ की फितरत हैं ll
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वो इस बातसे
खुश था कि,
हमको खबर नहीं...
मैं ये सोचके
खुश था कि,
फितरत तो जान
ली.......
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घड़ीकी फितरत भी अजीब हैं,
हमेशा टिक-टिक कहती हैं...
मगर ना खुद टिकती हैं, और
ना दूसरोंको टिकने देती हैं...
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तुम्हें
चाहनेकी वजह,
कुछ भी नहीं !
बस इश्ककी फितरत
हैं,
बे-वजह होना...!
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दिल अगर बे-नक़ाब होते तो,
सोचो कितने फसाद होते...
थी ख़ामोशी फितरत हमारी,
तभी तो बरसों निभा गई.......
मिर्जा गालिब