13 September 2020

6476 - 6480 दिल इश्क तमन्ना नक़ाब गम खबर फितरत शायरी

 

6476
तमन्ना दिलकी एक हसरत हैं पूरी हो जाए,
तो इंसान खुश किस्मत हैं l
पूरी हो तो गम करना क्योकि,
अधूरी रहना तो तमन्नाओ की फितरत हैं ll

6477
वो इस बातसे खुश था कि,
हमको खबर नहीं...
मैं ये सोचके खुश था कि,
फितरत तो जान ली.......

6478
घड़ीकी फितरत भी अजीब हैं,
हमेशा टिक-टिक कहती हैं...
मगर ना खुद टिकती हैं, और
ना दूसरोंको टिकने देती हैं...

6479
तुम्हें चाहनेकी वजह,
कुछ भी नहीं !
बस इश्ककी फितरत हैं,
बे-वजह होना...!

6480
दिल अगर बे-नक़ाब होते तो,
सोचो कितने फसाद होते...
थी ख़ामोशी फितरत हमारी,
तभी तो बरसों निभा गई.......
                                मिर्जा गालिब

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