20 September 2020

6511 - 6515 ख़्वाब दस्तक इश्क़ ख़ुशबू मुस्कराहट ख़बर मुश्किल आहट शायरी

 

6511
ख़त्म ना हो किसीके,
चेहरेकी मुस्कराहट...
बहुत मुश्किलसे आती हैं,
ये कुदरती आहट.......

6512
ख़ुदाका शुक्र कि,
आहटसे ख़्वाब टूट गया...
मैं अपने इश्क़में,
नाकाम होने वाला था़.......
राना आमिर लियाक़त

6513
कभी आहट कभी ख़ुशबू,
कभी नूरसे जाती हैं...
तेरे आनेकी ख़बर मुझे,
दूरसे जाती हैं.......!

6514
कोई दस्तक, न कोई आहट थी;
मुद्दतों वहमके शिकार थे हम...
पी. पी. श्रीवास्तव रिंद

6515
शाम ढले आहटकी,
किरनें फूटी थीं...
सूरज डूबके मेरे,
घरमें निकला था...
                  ज़ेहरा निगाह

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