10 September 2020

6461 - 6465 दिल आशिक़ प्यार पनाह जन्नत इन्तेज़ार यार क़त्ल किस्मत शायरी

 

6461
प्यार हो तो किस्मतमें हो,
दिलोंमें तो सबके होता हैं...!

6462
कहते हैं कि किस्मत,
खुदा लिखता हैं, लेकिन...
उसे मिटाके खुद गढ़नेका,
मजा ही कुछ और हैं.......!

6463
किस्मत वालोंको ही मिलती हैं,
पनाह यारके दिलमें...
यूँ ही हर शख्स जन्नतका,
हक़दार नहीं होता.......

6464
यह न थी हमारी किस्मत,
जो विसाले यार होता...
अगर और जीते रहते,
यहीं इन्तेज़ार होता.......

6465
इशरते कत्ल गहे अहले तमन्ना मत पूछ,
इदे-नज्जारा हीं शमशीरकी उरियाँ होना;
की तेरे क़त्लके बाद उसने ज़फा होना,
कि उस ज़ुद पशेमाँका पशेमाँ होना;
हैफ उस चारगिरह कपड़ेकी क़िस्मत ग़ालिब,
जिसकी किस्मतमें लिखा हो आशिक़का गरेबां होना...
                                                                       ग़ालिब

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