6436
जो भी आता हैं,
बताता हैं नया कोई इलाज...
बंट न जाए तेरा,
बीमार मसीहाओंमें...!
क़तील शिफ़ाई
6437
मर गए उसके,
लब-ए-जाँ-बख़्शपर...
हमने इलाज,
आप ही अपना
किया...!
मोमिन ख़ाँ मोमिन
6438
इलाज ये हैं कि,
मजबूर कर दिया जाऊं...
वरना यूँ तो किसीकी,
नहीं सुनी मैंने.......
6439
सुना हैं हर
बातका,
जवाब रखते हो
तुम...
क्या तन्हाईका भी,
इलाज रखते हो
तुम.......
6440
वो चूमकर लबोंको,
हर इलाज भी करती हैं...
वो देखले नजर भर तो,
बीमार भी करती
हैं.......!
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