9 September 2020

6456 - 6460 जिंदगी इरादे दुआ तनहा बात साथ लकीर काफिला सुकून किस्मत शायरी

 

6456
साथ चलता हैं मेरे,
दुआओंका काफिला...
किस्मतसे जरा कह दो,
अभी तनहा नहीं हूँ मैं...

6457
आज फिरसे छाये हैं,
उनकी रहमतसे बादल...
किस्मतमें भीगना लीखा हैं,
या तरसना... खुदा जाने.......

6458
रहेगा किस्मतसे यहीं,
गिला जिंदगीभर...
जिसको पलपल चाहा,
उसीको पलपल तरसे...

6459
मेरे इरादे, मेरी तक़दीर,
बदलनेको काफी हैं...
मेरी किस्मत मेरी लकीरोंकी,
मोहताज़ नहीं.......

6460
तू मुझे मिले या ना मिले,
ये किस्मतकी बात हैं...
पर तुझे अपना मानकर,
सुकून बहोत मिलता हैं...!

No comments:

Post a Comment