6 September 2020

6441 - 6445 इश्क़ जख्म वक़्त यार जख्म नजर इलाज शायरी

 

6441
जिनकी नजरोंमें,
हम अच्छे नहीं l
वो अपनी आँखोंका,
इलाज करवा ले...ll

6442
इस 'नहीं' का,
कोई इलाज नहीं...
रोज कहते हैं,
आप आज नही...

6443
कुछ जख्म सदियों बाततक भी,
ताजा रहते हैं...
वक़्तके पास भी,
हर मर्जका इलाज नहीं होता...

6444
मरहम लगा सको तो,
गरीबके जख्मोंपर लगा देना;
हकीम बहुत हैं बाजारमें,
अमीरोंके इलाज खातिर...

6445
इश्क़ अपना,
इलाज तो बता जरा...
मुझे अपने मासूम यारकी,
जान बचानी.......

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