1 September 2020

6416 - 6420 दिल धड़कन ख्वाहिशें परहेज़ दर्द वक़्त इलाज शायरी

 

6416
कोई बताये कि मैं,
इसका क्या इलाज करूँ...
परेशां करता हैं ये दिल,
धड़क धड़कके मुझे.......!

6417
यूँ इलाज-ए-दिल,
बीमार किया जाएगा l
शर्बत-ए-दीदसे,
सरशार किया जाएगा ll
अफ़ज़ल इलाहाबादी

6418
दर्द-ए-दिलका इलाज हो किससे...
यूँ मसीहा हुआ करे कोई.......!
                                   निज़ाम रामपुरी

6417
अपने दर्दका इलाज,
कुछ इस तरह किया मैंने...
जितनी ख्वाहिशें थी मेरी,
सबको जला दिया मैंने.......

6420
जिन्दगीने मेरे दर्दका,
क्या खूब इलाज सुझाया...
वक़्तको दवा बताया,
ख्वाहिशोंसे परहेज़ बताया...!

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