6511
ख़त्म ना हो किसीके,
चेहरेकी मुस्कराहट...
बहुत मुश्किलसे आती हैं,
ये कुदरती आहट.......
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ख़ुदाका
शुक्र कि,
आहटसे ख़्वाब टूट गया...
मैं अपने इश्क़में,
नाकाम होने वाला
था़.......
राना आमिर लियाक़त
6513
कभी आहट कभी ख़ुशबू,
कभी नूरसे आ जाती हैं...
तेरे आनेकी ख़बर मुझे,
दूरसे आ जाती हैं.......!
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कोई दस्तक, न कोई
आहट थी;
मुद्दतों
वहमके शिकार थे
हम...
पी. पी. श्रीवास्तव
रिंद
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शाम ढले आहटकी,
किरनें फूटी थीं...
सूरज डूबके मेरे,
घरमें निकला था...
ज़ेहरा निगाह