Showing posts with label आँखें नज़रें कागज़ शायरी. Show all posts
Showing posts with label आँखें नज़रें कागज़ शायरी. Show all posts

14 December 2016

837 आँखें नज़रें कागज़ शायरी


837

Chooraana, Stealing

मुझसे हर बार,
नज़रें चुरा लेती हैं वो,
मैने कागज़पर भी बनाके देखी हैं,
आँखें उनकी...!

Every time with me,
She Steals her Eyes,
I tried sketching on paper even,
Her Eyes...!