Showing posts with label दिल मंजिले खुशनसीब हासिल दीवाने सफर बेपरवाह परवाह धोखे अजीब रिश्ता शायरी. Show all posts
Showing posts with label दिल मंजिले खुशनसीब हासिल दीवाने सफर बेपरवाह परवाह धोखे अजीब रिश्ता शायरी. Show all posts

11 February 2018

2341 - 2345 दिल मंजिले खुशनसीब हासिल दीवाने सफर बेपरवाह परवाह प्यार खुशियाँ दर्द यकीन उजाले शायरी


2341
मंजिले तो,
खुशनसीब लोगोंको हासिल हो गयीं...
हम तो दीवाने थे,
सफरमें ही रह गयें...!

2342
बेपरवाह हो जाते हैं,
अक्सर वो लोग सभी,
जिनकी हम खुदसे ज्यादा,
परवाह करने लगें।

2343
जब प्यार किसीसे,
हदसे ज्यादा होने लगे...!
तो वो प्यार खुशियोंसे ज्यादा...
दर्द देने लगता हैं.......

2344
मैं कड़ी धुपमें चलता हूँ,
इस यकीनके साथ,
मैं जलुंगा तभी तो,
मेरे घरमें उजाले होंगे !

2345
कैसा अजीब रिश्ता हैं ये...
दिल आजभी धोखेमें हैं...
और
धोखेबाज आजभी दिलमें...!