Showing posts with label धड़कन परेशां ख्याल रूह गिरवी चाहत शायरी. Show all posts
Showing posts with label धड़कन परेशां ख्याल रूह गिरवी चाहत शायरी. Show all posts

4 December 2017

2031 - 2035 दिल ज़िन्दगी होठ हंसी मुस्कराहट हकीकत शाम उदास बात मुस्कान आवाज़ खामोश साँस शायरी


2031
वह सच कहेते थे,
मेरी मुस्कराहट बहोत अच्छी हैं,
इसलिए वह मुझे छोड़के...
मेरी मुस्कान ले गए.......

2032
होठोंकी हंसीको मत समझ
हकीकत ऐ ज़िन्दगी,
दिलमें उतरके देख
कितने उदास हैं हम तेरे बिना।

2033
रात हुई जब शामके बाद !
तेरी याद आई हर बातके बाद !
हमने खामोश रहकर भी देखा !
तेरी आवाज़ आई हर साँसके बाद !!!

2034
मेरी धड़कनोंको छूकर,
और परेशां ना करो,
ये थमसी जाती हैं,
तेरा ख्यालभर आ जानेसे...

2035
तेरे सिवा कौन,
समा सकता हैं मेरे दिलमें,
रूह भी गिरवी रख दी हैं,
मैने तेरी चाहतमें.......