Showing posts with label आँख पलक झपकि चाहत पनाह सलाम शायरी. Show all posts
Showing posts with label आँख पलक झपकि चाहत पनाह सलाम शायरी. Show all posts

2 February 2017

915 आँख पलक झपकि चाहत पनाह सलाम शायरी


915

पनाह, Shelter

उन आँखोंकी झपकियोंको भी...
सौ दफा सलाम हैं...
दिल...
जिन आँखोंकी पलकोंके नीचे...
मेरी चाहत पनाह लेती हैं ...

Even the blinks of those eyes...
I salute a hundred times...
O heart...
Whose eyes under the eyelids...
My desires take a shelter...