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31 October 2016

684 इंतज़ार यार दिये रात गली ख़बर शायरी


684

ख़बर, News

इंतज़ार--यारकी,
यूँ हो गयी सबको ख़बर...
रातभर मेरी गलीके,
सब दिये जलते हें......

Waitting for my Love,
In the way News was Spread...
Whole night in the Lane,
All Lights were Glowing.......