10126
बरसों बाद दिखा चेहरा,
तो समझे हम;
कैसे इक तस्वीर,
पुरानी होती हैं ll
श्रीयांश काबिज़
10127अब तो इक मिसरेको लेकर,हफ़्तों बैठे रहते हैं lपहले तेरी इक तस्वीरपें,दो नज़्में हो जाती थीं llसिद्धार्थ साज़
10128
घर भरा होता हैं,
पर एक कमी होती हैं...
एक तस्वीर बहुत,
हँसती हुई होती हैं ll
ऋषभ शर्मा
घर भरा होता हैं,
पर एक कमी होती हैं...
एक तस्वीर बहुत,
हँसती हुई होती हैं ll
ऋषभ शर्मा
10129
उस चाँदको भी इश्क होता होगा,
ज़ब मैं भी खुले आकाशमें,
उसीको देखकर,
तस्वीर उसकी चूमता था ll
अंकित यादव
10130
इक बूँद मेरे अश़्ककी,
शीशेपें गिर गई;
वो फैलती गई और,
तेरी तस्वीर बन गई........
इक बूँद मेरे अश़्ककी,
शीशेपें गिर गई;
वो फैलती गई और,
तेरी तस्वीर बन गई........