5961
पहले जो था,
वो सिर्फ़ उनकी तलाश
थी...
लेकिन जो उनसे
मिलके हुआ हैं,
वो इश्क़ हैं.......!
5962
मैं कलको,
तलाशता रहा दिनभर...
और शाम होते
होते,
मेरा आज डूब
गया...
5963
ना ख़ुशीकी तलाश हैं,
ना गम-ए-निजातकी आरज़ू...
मैं खुदसे नाराज़ हूँ,
तेरी बेरुखीके बाद.......
5964
खुबी और खामी,
दोनो होती हैं
लोगोमें...
आप क्या तलाशते
हो,
यह मायनें रखता हैं.......
5965
तुझसे अग़र बिछड़ भी ग़या मैं तो याद रख़,
चेहरेपें तेरे अपनी नज़र छोड़ ज़ाऊँग़ा l
बस एक़ वक़्तक़ा ख़ंज़र मिरी तलाशमें हैं,
ज़ो रोज़ भेस बदलक़र मिरी तलाशमें हैं ll