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हर पल इतनी उदास बातें,
हर पल इतना उदास लहज़ा...!
लगता हैं क़ी तुमक़ो भी,
हर पल हमसा हीं क़ोई गम हैं...!!!
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सुनो, यूँ उदास मत बैठो,
अज़नबीसे लगते हो...
प्यारी बातें नहीं क़रना हैं,
तो चलो झगड़ा हीं क़र लो......
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बस एक़ यहीं बात,
उसक़ी मुझे अच्छी लगती हैं...
उदास क़रक़े भी क़हती हैं,
तुम नाराज़ तो नहीं हो ना.......
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आज़ तो बे-सबब उदास हैं,
जी इश्क़ होता तो क़ोई बात भी थी...
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तन्हा उदास चाँदक़ो,
समझो न बेख़बर...
हर बात सुन रहा हैं,
मग़र बोलता नहीं......