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13 November 2019

5026 - 5030 कसम आँख समझ राह ख़ास जवाब रिश्ता करीब दूर बात शायरी


5026
खाई थी कसम उन्होने,
कभी  बात करनेकी...         
कल राहमें मिले,
आँखों आँखोंसे बहुत कुछ कह गए...!

5027
यूँ तो मेरी हर बात,
समझ जाते हो तुम...
फिर भी क्यूँ मुझे,
इतना सताते हो तुम...
तुम बिन कोई और नहीं है मेरा,
क्या इसी बातका फायदा उठाते हो तुम...!

5028
कुछ ख़ास बात नहीं है मुझमें...
बस...
मुझे समझने वाले ख़ास होते हैं...!

5029
जवाब तो हर बातका,
दिया जा सकता है मगर;
जो रिश्तों की अहमियत समझ पाया,
वो शब्दों को क्या समझेंगे.......!

5030
यूँही तू बस इतने करीब रहे...
की बात हो तो भी दूरी लगे...!