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6 February 2017

927 काश वजह साथ आँखें पल खाव्ब गुजर कल शायरी


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काश फिर वो मिलनेकी वजह मिल जाएँ,
साथ वो बिताया वो पल मिल जाये,
चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें,
क्या पता खाव्बोंमें गुजराहुआ कल मिल जाएँ…