4886
मेरी सब कोशिशें
नाकाम थी,
उनको
मनाने कि...
कहाँ सीखीं है ज़ालिमने,
अदाएं रूठ
जाने कि...!
4887
मत कर मुझे
भूलनेकी,
नाकाम
कोशिशें...
तेरा यूँ हारना,
मुझे मंजूर नहीं
है...
4888
ना डरा मुझे
ऐ वक़्त,
नाकाम
होगी तेरी हर
कोशिशें;
ज़िन्दगीके मैदानमें
खड़ा हूँ,
दुआओंका काफिला लेकर...
4889
यूँ तो उलझे
है,
सभी अपनी
उलझनोंमें;
पर सुलझाने की कोशिश,
हमेशा होनी चाहिए...
4890
तू जिंदगीको जी,
उसे समझनेकी कोशिश
ना कर।
चलते वक़्तके
साथ तू भी
चल,
वक़्तको बदलनेकी कोशिश ना
कर।
दिल खोलकर
साँस ले,
अंदर ही अंदर
घुटनेकी कोशिश
ना कर।
कुछ बाते मुकद्दरपे छोड़ दे,
सब कुछ खुद
सुलझानेकी कोशिश
ना कर।