10031
सिर्फ़ तस्वीर रह ग़ई बाक़ी,
ज़िसमें हम एक़ साथ बैठे हैं...
अताउल हसन
10032
ख़ामुशी तेरी मिरी
जान लिए लेती
हैं,
अपनी तस्वीरसे
बाहर तुझे आना
होगा l
मोहम्मद अली साहिल
10033
कोई तस्वीर मुकम्मल नहीं होने पाती,
धूप देते हैं तो साया नहीं रहने देते ll
अहमद मुश्ताक़
10034
मुझे ये ज़ोमकि
मैं हुस्नका मुसव्विर
हूँ,
उन्हें ये नाज़कि
तस्वीर तो हमारी
हैं !
शबनम रूमानी
10035
चाहिए उसका तसव्वुर ही से नक़्शा खींचना,
देखकर तस्वीरको तस्वीर फिर खींची तो क्या...
बहादुर शाह ज़फ़र