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15 September 2016

548 ख़ामोश मोहब्बत लोग समझ बदनसीब शायरी


548

Badnaseeb, Unfortunate

क्यूँ करते हो मुझसे,
इतनी ख़ामोश मोहब्बत
लोग समझते हैं,
इस बदनसीबका कोई नहीं

Why do you Love me,
so Silently...
People feel that,
Nobody belongs to this Unfortunate...