7336
यहाँ सब खामोश हैं,
कोई आवाज़ नहीं करता...
सच बोलकर कोई किसीको,
नाराज़ नहीं करता.......
7337किसीसे नाराज़गी,इतने वक़्ततक न रखो, के...वो तुम्हारे बगैर ही,ज़ीना सीख़ जाएँ.......
7338
ज़ीना तो हमे भी,
बिंदास आता हैं...
लेकिन ज़िंदगी आज़कल,
कुछ नाराज़ हैं हमसे.......
7339नाराज़ नहीं हूँ,तेरे फ़रेबसे...ग़म ये हैं कि तेरा,यकीन अब कैसे करू...?
7340
हर बात,
खामोशीसे मान लेना...
यह भी अंदाज़ होता हैं,
नाराज़गीका.......