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8 May 2017

1296 खुद छुपा धड़कन सीने जीना ख्वाहिश शायरी


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खुदसे भी छुपाई हैं,
धड़कन अपने सीनेकी,
हमको जीना पड़ता हैं,
ख्वाहिश कब हैं जीनेकी...!