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22 January 2019

3811 - 3815 ख्वाब किस्मत फ़कीर दर्द मुसाफिर तन्हाई नाम नवाब खुशनसीब नखरे दिल शायरी


3811
तरसेगा जब दिल तुम्हारा,
मेरी मुलाकातको...
ख्वाबोंमें होंगे तुम्हारे हम,
उसी रातको.......!

3812
किस्मतके तराज़ूमें तोलो,
तो फ़कीर हैं हम;
और दर्द--दिलमें,
हमसा नवाब कोई नहीं...!

3813
उसके दिलमें,
थोड़ीसी जगह मांगी थी,
मुसाफिरोंकी तरह...
उसने तन्हाईयोंका एक शहर,
मेरे नाम कर दिया.......

3814
बडे खुशनसीब हैं हम,
जो तेरे दिलको भा गये...!
सुना था तेरा दिल,
बड़े नखरेबाज हैं......!

3815
कुदरतके करिश्मेमें अगर रात होती,
तो ख्वाबमें भी आपसे मुलाक़ात होती;
कमबख्त ये दिल हैं हर दर्दकी वजह,
ये दिल होता तो कोई बात होती...