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16 July 2016

394 ख्वाहिश फुर्सत इंसान घर मंदिर शमशान स्वर्ग शायरी


394

Swarg, Heaven

फुर्सत नहीं इंसानको,
घरसे मंदिर तक आनेकी...
और,
ख्वाहिशे रखता हैं,
शमशानसे सीधा,
स्वर्ग तक जानेकी...!!!

Nobody has time to go to ,
Temple from Home...
And,
Aspirations are,
Going from Cemeteries,
to Heaven Directly...!!!