Showing posts with label गलती जान चाह लापरवाह शायरी. Show all posts
Showing posts with label गलती जान चाह लापरवाह शायरी. Show all posts

6 May 2017

1289 गलती जान चाह लापरवाह शायरी


1289
गलती इतनी हुई की,
तुझे जानसे ज्यादा चाहने लगे हम...
क्या पता था की मेरी इतनी परवाह,
तुझे लापरवाह कर देगी...

1288 गलती जान चाह लापरवाह शायरी


1288
हम इतने बदनाम हैं कि,
लडकियाँ हमें खुद फोन लगाकर बोलती हैं...
आप हमारी गलीमें मत आया करो,
लोग शक बहुत करते हैं . . .