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19 February 2022

8251 - 8255 चेहरा जुल्फें दिल शबनम शबाब हिफ़ाज़त धड़क़न अंदाज़ चाहत आँसू ज़ज़्बात शायरी

 

8251
घटाओंमें क़िसीक़ा चेहरा नज़र आया,
दिलमें आज़ क़ोई ज़ज़्बात उभर आया l
जुल्फोंक़े बीच तेरा चेहरा देख़क़र लगा,
शबनमक़ी बूंदोंमें शबाब निख़र आया ll


8252
ये बस पानी हैं,
या मैं सचमें रो रहा हूँ ?
ये ज़िन्दगी सचमें बेदर्द हैं,
या फ़िर मैं ख़ामख़ाह ज़ज़्बाती हो रहा हूँ ?

8253
दिलक़े ज़ज़्बातोंक़ी,
हिफ़ाज़त क़रें भी तो कैसे...?
महफ़ूज़ तो धड़क़न भी,
नहीं होती सीनेमें.......

8254
ना चाहतक़े अंदाज़ अलग़,
ना दिलक़े ज़ज़्बात अलग़...
थी सारी बात लक़ीरोंक़ी,
तेरे हाथ अलग़, मेरे हाथ अलग़...

8255
मेरी चाहतने चिल्लाक़र पूछा,
क़्या चाहती हो तुम...?
आँसू ऐसा सुनक़र ज़ो रुक़ ना सक़े,
क़हने लग़ा ज़ज़्बाती हो तुम.......