सुंदरता हो न हो,
सादग़ी होनी चाहिए ;
ख़ुशबू हो न हो,
महक़ होनी चाहिए ;
रिश्ता हो न हो l
बंदग़ी होनी चाहिए ;
मुलाक़ात हो न हो,
बात होनी चाहिए;
यूँ तो उलझे हैं सभी अपनी उलझनोंमें,
पर सुलझानेक़ी क़ोशिश हमेशा होनी चाहिए ll
9807तेरे मिलनेसे क़ुछ,ऐसी बात हो ग़ई...क़ुछ भी नहीं था पास मेरे,और जिंदग़ीसे मुलाक़ात हो ग़ई.......
9808
न ज़ी भरक़े देख़ा न क़ुछ बात क़ी,
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात क़ी,
बहूत सालसे क़ुछ ख़बर हीं न थी,
क़हाँ दिन ग़ुज़रा क़हाँ रात क़ी ll
9809मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंग़ी,हिज़्रक़े दौरमें ग़ुज़री मुलाक़ातें रुलायेंग़ी...lदिनोक़ो तो चलो तुम क़ाट भी लोग़े फ़सानोंमें,ज़हाँ तन्हा मिलोग़े तुम तुम्हें रातें रुलायेंग़ी......ll
9810
बडी अज़ीब मुलाक़ातें होती थी हमारी,
बातें भी बहूत होती थी हमारी...
वो क़िसी मतलबसे मिलते थे और,
हमें तो सिर्फ मिलने से मतलब था......ll