5236
मेहरबान
होके,
बुला लेना
मुझको...
मैं गया वक्त
नहीं,
जो लौटकर नहीं आए...!
5237
बुलाते रह जाते
है,
बुलाने वाले...
फिर कब लौटकर
आते है,
छोड़कर
जाने वाले.......
5238
एक आँसु भी
गिरता है,
तो लोग हजार
सवाल पुछते है;
ऐ बचपन लौट
आ,
मुझे खुलके
रोना है.......
5239
जिंदगी वहीं लौटना
चाहती है,
जहां दुबारा जाना मुमकिन
नहीं होता;
जैसे बचपन मासूमियत,
पुराना घर, पुराने
दोस्त...
5240
रोशनी मुकद्दरमें हो,
तो अंधेरे लौट
ही जाते है;
हौंसले बुलंद हो,
तो
रास्ते फिर खुल
ही जाते है...!