7271
ए जिस्म,
तू बेशक बड़ा हो गया...l
दोस्त, मासूमियत, मोहब्बत...
अभीतक बचपनसे नहीं लौटे...ll
7272कुछ दोस्त सीधेसादे भी,अच्छे नहीं लगते...और कुछ कमीने,जानसे भी प्यारे होते हैं...!
7273
इत्तफ़ाक़से तो नहीं,
टकराये हम सब दोस्तों...
थोड़ी ख़्वाहिश तो,
ख़ुदाकी भी होगी.......!!!
7274विश्वास करना,हम दोस्ती अपनी निभाएंगे...अगर खुदाभी बुलाएगा, तो कह देंगे...दोस्त इजाजत देगा तो ही आयेंगे...!!!
7275
इन्सान कहते हैं कि,
मेरे दोस्त कम हैं...
लेकिन,
वो ये नहीं जानते कि...
मेरे दोस्तोंमें कितना दम हैं...!