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14 November 2017

1951 - 1960 दिल दिमाग जिंदगी दर्द रिश्ता प्यार नफरत हमसफर साथ अहसास महसूस तन्हाई किस्मत गम शायरी


1951
" दर्द "
सभी इंसानोमें हैं, मगर...  
कोई दिखाता हैं तो...
कोई छुपाता हैं...

1952
" रिश्ता "
कई लोगोंसे होता हैं, मगर...
कोई प्यारसे निभाता हैं तो...
कोई नफरतसे निभाता हैं...

1953
" हमसफर "
सभी हैं, मगर...
कोई साथ देता हैं तो...
कोई छोड देता हैं.....

1954
" अहसास "
सबको होता हैं, मगर...
कोई महसूस करता हैं तो...
कोई समज नहीं पाता...

1955
" प्यार "
सभी करते हैं, मगर...
कोई दिलसे करता हैं तो...
कोई दिमागसे करता हैं...

1956
" जिंदगी "
सभी जीते हैं, मगर...
कोई सबकुछ आनेके...
बाद भी दुखी रहते हैं, तो...
कोई लुटाके खुश रहते हैं ...

1957
" दोस्ती "
सभी करते हैं, मगर...
कुछ लोग निभाते हैं...
कुछ लोग आमाते हैं...

1958
आसमानसे तोड़कर 'तारा' दिया हैं,
आलम-ए-तन्हाईमें एक शरारा दिया हैं,
मेरी 'किस्मत' भी 'नाज़' करती हैं मुझेपें,
खुदाने 'दोस्त' ही इतना प्यारा दिया हैं ll

1959
"दोस्तोंकी कमीको पहचानते हैं हम,
दुनियाँके गमोंको भी जानते हैं हम,
आप जैसे दोस्तोंका सहारा हैं, 
तभी तो आज भी हँसकर जीना जानते हैं हम l"

1960
छू ले आसमान, ज़मीनकी तलाश ना कर,
जी ले ज़िंदगी, खुशीकी तलाश ना कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीखले, वजहकी तलाश ना कर l