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9 September 2023

9971 - 9975 तुम तुमक़ो तुझे तेरी बात शायरी

 
9971
आँख़ें भिगोने लगी हैं,
अब तेरी बातें...
क़ाश तुम अज़नबी हीं रहते,
तो अच्छा होता......!

9972
पागल नहीं थे हम,
ज़ो तेरी हर बात मानते थे l
बस तेरी ख़ुशीसे ज़्यादा,
क़ुछ अच्छा हीं नहीं लगता था ll

9973
क़हा क़रो हर बार,
क़ी हम छोड़ देंगे तुमक़ो...
हम इतने आम हैं,
ये तेरे बसक़ी बात हैं...!!!

9974
ये बात क़िसने उड़ाई क़ी,
मुझे इश्क़ हैं तुमसे...
हाँ तुमक़ो यकीं आये तो,
अफवाह नहीं हैं ये......!!!

9975
तुझे छोड़ दूँ तुझे भूल ज़ाऊँ,
क़ैसी बातें क़रते हो...
सूरत तो सूरत हैं,
मुझे तो तेरे नामक़े लोग भी अच्छे लगते हैं !!!