Showing posts with label दर्द आस जिंदगी शिकायत परिंदा राज आशियाँ जिगर अहसास नादान शैतान दिल शायरी. Show all posts
Showing posts with label दर्द आस जिंदगी शिकायत परिंदा राज आशियाँ जिगर अहसास नादान शैतान दिल शायरी. Show all posts

4 February 2019

3866 - 3870 दर्द आस जिंदगी शिकायत परिंदा राज आशियाँ जिगर अहसास नादान शैतान दिल शायरी


3866
हर पल मुस्कुराओ, बड़ी खास हैं जिंदगी;
क्या सुख क्या दुःख, बड़ी आस हैं जिंदगी;
ना शिकायत करो, ना कभी उदास हो;
जिंदा दिलसे जीनेका, अहसास हैं जिंदगी...!

3867
निकाल लाया हूँ,
पिंजरेसे इक परिंदा...
अब परिंदेके दिलसे,
पिंजरा निकालना हैं...!

3868
आशियाँ बस गया जिनका, उन्हें आबाद रहने दो;
पड़े जो दर्द भरे छाले, जिगरमें यूँ ही रहने दो;
कुरेदो ना मेरे दिलको, ये अर्जी हैं जहां वालों;
छिपा हैं राज अब तक जो, राजको राज रहने दो...।

3869
कर जाते हैं शरारत क्योंकि थोड़े शैतान हैं हम,
कर देते हैं ग़लती क्योंकि इंसान हैं हम,
ना लगाना हमारी बातोंको क़भी दिलसे,
आपको तो पता हैं ना कितने नादान हैं हम !

3870
हाले दिल बतानेकी जरूरत ही ना हो कभी,
बस बिन बोले ही कोई समझ जाए कभी,
ऐसी दिल्लगी हमे क्या नसीब होगी कभी...
                                                        भाग्यश्री