Showing posts with label दामन आँख इंतज़ार ख्वाब रोशनी काबिल उम्मीद शायरी. Show all posts
Showing posts with label दामन आँख इंतज़ार ख्वाब रोशनी काबिल उम्मीद शायरी. Show all posts

26 January 2021

7091 - 7095 दामन आँख इंतज़ार ख्वाब रोशनी काबिल उम्मीद शायरी

 

7091
खाक़--उम्मीदमें उंगलियाँ फिराते,
कोई चिंगारी ढूंढता हूँ...
फिर कोई ख्वाब जलाना हैं,
कि रात रोशनी मांगती हैं.......

7092
उम्मीदका दामन बड़ा पैना हैं,
सुर्ख़ रंग हो गए हाथ मेरे.......

7093
बहुत चमक हैं,
उन आँखोंमें अब भी l
इंतज़ार नहीं बुझा पाया हैं,
उम्मीदकी लौ ll

7094
उससे मैं कुछ पा सकूँ,
ऐसी कहाँ उम्मीद थी...l
ग़म भी वो शायद,
बराए-मेहरबानी दे गया...ll

7095
वो उम्मीद ना कर मुझसे,
जिसके मैं काबिल नहीं l
खुशियाँ मेरे नसीबमें नहीं और,
यूँ बस दिल रखनेके लिए,
मुस्कुरान भी वाज़िब नहीं l
कहते हैं कि उम्मीदपें जीता हैं ज़माना,
वो क्या करे जिसे कोई उम्मीद ही नहीं ll