Showing posts with label दिल अज़ीब बात ख़्वाहिश ख़्वाब दीदार नज़रें बहाना. Show all posts
Showing posts with label दिल अज़ीब बात ख़्वाहिश ख़्वाब दीदार नज़रें बहाना. Show all posts

23 April 2021

7451 - 7455 दिल अज़ीब बात ख़्वाहिश ख़्वाब दीदार नज़रें बहाना, बहाने शायरी

 

7451
अज़ीब तज़रबा था,
भीड़से गुज़रनेक़ा...!
उसे बहाना मिला,
मुझसे बात क़रनेक़ा...!!!
              राज़ेन्द्र मनचंदा बानी

7452
ज़िस तरफ़ तू हैं,
उधर होंगी सभीक़ी नज़रें...
ईदक़े चाँदक़ा दीदार,
बहाना ही सही.......!!!
अम इस्लाम अम

7453
ज़ैसे तुझे आते हैं,
आनेक़े बहाने...
क़भी आक़र वैसा ही,
ज़ानेक़ा बहाना क़र...!

7454
ये बहाना तेरे,
दीदारक़ी ख़्वाहिशक़ा हैं,
हम ज़ो आते हैं इधर...
रोज़ टहलनेक़े लिए.......!

7455
हर रात वही बहाना हैं,
मेरे दिलक़ा...
मैं सोता हूँ तो तेरा,
ज़ाता हैं.......!!!