4526
ना चाँदकी चाहत
हैं,
ना तारोंकी फरमाहिश हैं...
हर जन्ममें आपका
साथ मिले,
बस यही
मेरी ख़्वाहिश हैं...!
4527
ये ज़िन्दगी लगने देना,
इश्ककी
तलब;
मै जीना
चाहता हूँ,
भीड़से
अलग.......
4528
तुझे पलकोंपे बिठानेको जी
चाहता हैं,
तेरी बाहोंसे लिपटनेको जी
चाहता हैं l
खूबसूरतीकी
इंतेहा हैं
तू,
तुझे ज़िन्दगीमें बसानेको जी
चाहता हैं ll
4529
दिल
चाहता हैं,
तेरी हर
मुराद पूरी
हो...
शायद उस
मुरादमें,
मेरा भी
नाम हो...!
4530
कूछ तो
चाहत होंगी,
इन बूंदोंकी भी...
वरना,
कौन गिरता
इस जमीनपर,
आसमां तक
पहूंच कर.......!