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16 October 2016

640 दिल कोशिश वक्त समझौता कमबख़्त उम्मीद शायरी


640

Ummid, Hope

कोशिश तो रोज करते हैं,
वक्तसे समझौता करलें,
कमबख़्त दिलके कोनेमें छुपी उम्मीद ,
मानतीं ही नहीं...

I Try daily, 
To Compromise with Time,
Damned the Hope Hidden in the Corner of Heart,
Doesn't Agree...