5231
तुम लौटके
आनेका,
तकल्लुफ़
मत करना...
हम एक मोहब्बतको,
दोबारा नहीं
करते.......
5232
मिज़ाज़ अच्छा है आज
हमारा,
सितम करना है
तो लौट आओ...!
5233
तुम्हें
पसंद थी ना,
शायरियाँ मेरी...
सुनो लौट आओ,
कुछ लिखा
है तुम्हारे लिये...!
5234
बैठे है रहगुज़र
पर,
दिलका
दीया जलाये...
शायद वो दर्द
जाने,
शायद वो
लौट आये...!
5235
तैरता हुआ कागज
मेरा,
लौट आया
वापस;
उस किनारे पर भीड
बहुत थी,
उनके
चाहने वालोकी.......