Showing posts with label दिल जिंदगी ख्वाब शिकायत मजबूर वादे याद कदम पलक नजरें उम्र शायरी. Show all posts
Showing posts with label दिल जिंदगी ख्वाब शिकायत मजबूर वादे याद कदम पलक नजरें उम्र शायरी. Show all posts

28 December 2017

2136 - 2140 दिल जिंदगी ख्वाब शिकायत मजबूर वादे यादें कदम पलक नजरें उम्र शायरी


2136
मजबूर नहीं करेंगे तुझे,
वादे निभानेंके लिए...
बस एक बार आ जा,
अपनी यादें वापस ले जानेके लिए.......।

2137
चलते-चलते मेरे कदम,
हमेशा यहीं सोचते हैं...
कि किस और जाऊँ,
तो तू मिल जाये.......

2138
उलझने क्या बताऊँ,
जिंदगीकी तुझे ...
तेरे ही गले लगकर ...
तेरी ही शिकायत करनी हैं.......

2139
पलकोंको कभी हमने भिगोए ही नहीं,
वो सोचते हैं की हम कभी रोये ही नहीं,
वो पूछते हैं कि ख्वाबोंमें किसे देखते हो ?
और हम हैं की उनकी यादोंमें सोए ही नहीं !

2140
नजरें मिलते ही दिल लगाया नहीं जाता,
हर मिलने वालेको अपना बनाया नहीं जाता,
और जो दिलमें बस जाये एकबार,
उन्हें उम्रभर भुलाया नहीं जाता.......