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27 June 2019

4421 - 4425 दिल जिंदगी दुनिया क़ायनात नसीब फिकर नाजुक नसीब एहसास शायरी


4421
बड़े हो चुके होनेका एहसास,
दिलाके जिंदगी झिंझोड़ देती हैं...
बचपन तब ही ख़त्म हो जाता हैं जब;
माँ डाँटना छोड़ देती हैं.......

4422
क़ायनातकी सबसे महंगी चीज,
एहसास हैं...
जो दुनियाके हर,
इंसानके पास नहीं होता...


4423
आज नही तो कल,
ये एहसास हो ही जायेगा;
कि "नसीब वालो" को ही,
मिलते हैं फिकर करनेवाले...

4424
दिलतो सबका एक जैसा ही होता हैं
मगर दिलोंके एहसास अलग अलग होता हैं

4425
जो बिन कहें सुनले,
वो दिलके बेहद करीब होते हैं...
ऐसे नाजुक एहसास,
बड़े नसीबसे नसीब होते हैं...!