10056
जिससे ये तबीअत,
बड़ी मुश्किलसे लगी थी;
देखा तो वो तस्वीर,
हर इक दिलसे लगी थी...
अहमद फ़राज़
10057
रफ़्ता रफ़्ता सब तस्वीरें,
धुँदली होने लगती हैं l
कितने चेहरे,
एक पुराने चित्राधारमें मर जाते हैं ll
ख़ुशबीर सिंह शाद
10058
मुद्दतों बाद उठाए थे,
पुराने काग़ज़...
साथ तेरे मिरी,
तस्वीर निकल आई हैं!
साबिर दत्त
मुद्दतों बाद उठाए थे,
पुराने काग़ज़...
साथ तेरे मिरी,
तस्वीर निकल आई हैं!
साबिर दत्त
10059
रंग दरकार थे,
हमको तिरी ख़ामोशीके...
एक आवाज़की,
तस्वीर बनानी थी हमें ...
नाज़िर वहीद
10060
सोचता हूँ तिरी तस्वीर,
दिखा दूँ उसको...
रौशनीने कभी साया,
नहीं देखा अपना......
इक़बाल अशहर
सोचता हूँ तिरी तस्वीर,
दिखा दूँ उसको...
रौशनीने कभी साया,
नहीं देखा अपना......
इक़बाल अशहर