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18 July 2016

396 दिल दामन थाम भूली याद गुज़र अजनबी शायरी


396

Ajnabi, Stranger

जहाँ भूली हुई यादें,
दामन थामलें दिलका....
वहांसे अजनबी बनकर,
गुज़र जाना ही अच्छा हैं !!!

Where the forgotten Memories,
Conjoins the Heart....
By becomming Stranger from there,
Moving out is Better !!!