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24 August 2020

6376 - 6380 दिल दुआ इश्क़ मोहब्बत ज़ीस्त बात दर्द दवा शायरी

 

6376
इश्क़से तबीअतने,
ज़ीस्तका मज़ा पाया...
दर्दकी दवा पाई,
दर्द--बे-दवा पाया...
                  मिर्ज़ा ग़ालिब

6377
मोहब्बतको हवा दो,
दुआ दो और दवा दो...
इतनी भी नफरत मत करो,
कि किसीको बद्दुआ दो.......

6378
लोग कहते हैं,
जो दर्द देता हैं, वही दवा देता हैं...
पता नही फ़िजूलकी बातोंको,
हवा कौन देता हैं.......

6379
मोहब्बतका मरीज,
जो बन जाता हैं,
दवा और दुआ...
वहाँ काम नहीं आता हैं.......

6380
दवासे ठीक हो या,
दुआसे ठीक हो,
खुदा करे,
हर दिल--बीमार ठीक हो...