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वो मेहंदीके हाथोंमें,
क्या तराशेंगे नाम हमारा...
जब नामही छुपा लिखा हैं,
उनके हाथोंमें.......!
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करतूतें
तो देखियें,
मेहंदीकी...
तेरा नाम क्या
लिखा,
शर्मसे लाल हो
गई.......!
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तूने जो मेहँदी वाले हाथोंमें,
मेरे नाम लिखा हैं...
तुम कहो या न कहो,
तुम्हारे दिलका प्यार मुझे दिखा हैं...
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मेहंदी रचाई थी,
मैने इन हाँथोंमें...
जाने कब वो
मेरी,
लकीर बन गई......
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किस्मतकी लकीरें भी,
आज इठलाई हैं...
तेरे नामकी मेहँदी,
जो हाथों उपर रचाई
हैं...