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28 October 2020

6696 - 6700 दिल नाम लकीर किस्मत शर्म हिना मेहँदी शायरी

 
6696
वो मेहंदीके हाथोंमें,
क्या तराशेंगे नाम हमारा...
जब नामही छुपा लिखा हैं,
उनके हाथोंमें.......!

6697
करतूतें तो देखियें,
मेहंदीकी...
तेरा नाम क्या लिखा,
शर्मसे लाल हो गई.......!

66978
तूने जो मेहँदी वाले हाथोंमें,
मेरे नाम लिखा हैं...
तुम कहो या कहो,
तुम्हारे दिलका प्यार मुझे दिखा हैं...

6699
मेहंदी रचाई थी,
मैने इन हाँथोंमें...
जाने कब वो मेरी,
लकीर बन गई......

6700
किस्मतकी लकीरें भी,
आज इठलाई हैं...
तेरे नामकी मेहँदी,
जो हाथों उपर रचाई हैं...