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1 August 2018

3096 - 3100 दिल प्यार आदत इंतज़ार अहसास अहमियत इल्ज़ाम दर्द काँटें ज़ख्म अजीब शर्त नजाकत आँख शरारत करीब निशानी शायरी


3096
किसीके लिये किसीकी,
अहमियत खास होती हैं;
एकके दिलकी चाबी,
हमेशा दूसरेके पास होती हैं !

3097
इल्ज़ाम तो हर हालमें,
काँटोंपें ही लगेगा;
ये सोचकर अक्सर फूल भी,
चुपचाप ज़ख्म दे जातें हैं !

3098
"मिलनेकी उसने,
अजीब शर्त रखी थी !
काटोंपें चलके आओ,
मगर खून निकले !!!"

3099
दूर रहकर करीब रहना,
नजाकत हैं मेरी...
याद बनकर आँखोंसे बहना,
शरारत हैं मेरी...
करीब ना होते हुए भी,
करीब पाओगे;
क्योकि...
अहसास बनकर दिलमें रहना,
आदत हैं मेरी.......

3100
इस बहते दर्दको मत रोको,
यह तो सज़ा हैं किसीके इंतज़ारकी...
लोग इन्हे आँसू कहे या दीवानगी...
पर यह तो निशानी हैं किसीके प्यारकी !!!