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13 November 2021

7851 - 7855 दिल प्यार इंतिज़ार ज़िन्दग़ी सौदामोहब्बत शिक़वा बेक़रारी बेक़रार शायरी

 

7851
हम अपनी,
बेक़रारी--दिलसे, हैं बेक़रार...
आमेंज़-शि--सुक़ूँ हैं,
इस इज़्तिराबमें.......
                       अहसन मारहरवी

7852
बेक़रारी सी बेक़रारी हैं,
वस्ल हैं और फ़िराक़ तारी हैं...
ज़ो ग़ुज़ारी ज़ा सक़ी हमसे,
हमने वो ज़िन्दग़ी गुज़ारी हैं.......

7853
फ़िर तिरा इंतिज़ार देख़ेंगे,
दिलक़ो फ़िर बेक़रार देख़ेंगे...
                                  नीना सहर

7854
झुक़ी झुक़ीसी नज़र,
बेक़रार हैं क़ि नहीं...!
दबा दबासा सही,
दिलमें प्यार हैं कि नहीं...!!!

7855
क़र सौदा तू, शिक़वा हमसे,
दिलक़ी बेक़रारीक़ा...
मोहब्बत क़िसक़ो देती हैं,
मियाँ आराम दुनियामें.......
                       मोहम्मद रफ़ी सौदा