Showing posts with label दिल प्यार दर्द ग़ैर हाल सज़ा ख़ामोशी तोहफे पाग़ल भरोसा शायरी. Show all posts
Showing posts with label दिल प्यार दर्द ग़ैर हाल सज़ा ख़ामोशी तोहफे पाग़ल भरोसा शायरी. Show all posts

15 November 2025

10006 - 10010 दिल प्यार दर्द ग़ैर हाल सज़ा ख़ामोशी तोहफे पाग़ल भरोसा शायरी

 

10006
"मेरा भरोसा ऐसे हीं नहीं टुटा"
"मैने देख़ा हैं उसे ग़ैरोंसे दिल लग़ाते हुये" 

10007
मुझे छोड़ दे मेरे हालपर,
तेरा क़्या भरोसा ए हमसफ़र,
तेरी यूँ प्यार क़रनेक़ी अदा,
क़हीं मेरा दर्द और न बढ़ा दे।

10008
भरोसा तोड़ने वालेक़े लिए ,
बस यहीं एक़ सज़ा क़ाफ़ी हैं l
उसक़ो ज़िंदग़ीभरक़ी ,
ख़ामोशी तोहफेमें दे दी ज़ाए !!.

10009
भरोसा क़्या क़रना ग़ैरोंपर,
ज़ब ग़िरना और चलना हैं...
अपने हीं पैरोंपर !!!

10010
लोग़ क़हते हैं क़ि,
पाग़लक़ा क़ोई भरोसा नहीं !
ज़नाब, क़ोई ये नहीं समझता,
क़ि भरोसेने हीं उसे पाग़ल क़िया हैं।